यूआईडीएआई को कार्रवाई का अधिकार मिलने की उम्मीद
न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक आधार जारी करने वाली संस्था यूआईडीएआई को ज्यादा अधिकार दिए जाएंगे। यह नियामक (रेग्युलेटर) की तरह काम कर सकेगी। यूआईडीएआई के पास फिलहाल यह अधिकार नहीं है कि वह नियम तोड़ने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई कर सके।
कानून में संशोधन के तहत आधार से जुड़ी सूचनाओं में सेंध लगाने या छेड़छाड़ करने वाले को 10 साल तक की जेल का प्रस्ताव भी शामिल है। इसके साथ ही वर्चुअल आईडी, आधार के स्वैच्छिक और ऑफलाइन इस्तेमाल का भी प्रस्ताव है।
आधार एक्ट में प्रस्तावित बदलावों के मुताबिक नाबालिग आधार कार्ड धारकों को यह विकल्प मिलेगा कि वो 18 साल की उम्र पूरी होने के 6 महीने में आधार डेटाबेट से अपनी सूचनाएं हटवा सकेंगे। बच्चों के आधार कार्ड बनवाने के लिए परिजनों की अनुमति जरूरी होगी। आधार नहीं होने पर बच्चों को किसी तरह की सब्सिडी से वंचित नहीं किया जाएगा।
आधार एक्ट के अलावा टेलीग्राफ एक्ट और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में संशोधन के बिल भी बुधवार को लोकसभा में पेश किए जाने की उम्मीद है।