इस साल उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका लेकिन चार दशक से अधिक समय बाद खेल के प्रशासन में आए

0
471

दीपिका कुमारी को छोड़कर भारत का कोई तीरंदाज इस साल उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका लेकिन चार दशक से अधिक समय बाद खेल के प्रशासन में आए बदलाव से भविष्य के लिए आशा की नई किरण जगी है। इस साल कंपाउंड वर्ग में महिलाओं की टीम बाईस बरस की ज्योति सुरेखा वेन्नम की अगुवाई में पहली बार विश्व रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंची। खेल मंत्रालय ने 2012 में भारतीय तीरंदाजी संघ की मान्यता रद्द कर दी थी। आखिरकार इस खेल महासंघ के चुनाव हुए और पूर्व आईएएस अधिकारी बीवीपी राव को अध्यक्ष चुना गया। इसके साथ ही 1973 से चला आ रहा विजय कुमार मल्होत्रा का कार्यकाल भी खत्म हो गया। उच्चतम न्यायालय से अभी इन चुनावों के नतीजों की पुष्टि बाकी है लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित होने की कगार पर खड़े इस खेल को इससे राहत जरूर मिली है।

अलविदा 2018: बॉक्सिंग में एमसी मैरीकॉम और अमित पंघल के नाम रहा यह साल
प्रशासन में बदलाव के बाद बहुरेंगे तीरंदाजी के दिन?
अब देखना यह है कि नया प्रशासन आमूलचूल बदलाव करता है या नहीं। फिलहाल रिकर्व तीरंदाज बिना किसी राष्ट्रीय कोच और नियमित अभ्यास सुविधाओं के पुणे में सैन्य संस्थान में अपने निजी ट्रेनर के साथ अभ्यास कर रहे हैं। एशियाई खेलों में तीरंदाजी में रिकर्व में भारत की झोली खाली रही। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन ओलंपियन अतनु दास का रहा जो क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे। उनके अलावा जगदीश चौधरी, सुखचैन सिंह, अंकिता भगत और लक्ष्मीरानी मांझाी मुख्य दौर में भी जगह नहीं बना सके।  टीम वर्ग में भारत महिलाओं की स्पर्धा में पांचवें, पुरूषों के वर्ग में छठे और मिश्रित में नौवें स्थान पर रहा।चार विश्व कप और एक विश्व कप फाइनल में दीपिका कुमारी को छोड़कर कोई रिकर्व तीरंदाज नहीं चल सका।

बजरंग और विनेश भारतीय कुश्ती के नए सितारे बनकर उभरे

दीपिका कुमारी 7वीं बार विश्व कप के फाइनल में पहुंची
चार बार विश्व कप फाइनल में रजत पदक जीत चुकी दीपिका ने 2012 के बाद पहली बार विश्व कप की व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। उसने जर्मनी की मिशेले क्रोपेन को हराया। इसके साथ ही दीपिका ने सातवीं बार विश्व कप फाइनल के लिए क्वालीफाई किया और रजत पदक जीता। ज्योति ने इस साल तीन विश्व कप में टीम स्पर्धा में रजत पदक जीते। महिला कंपाउंड टीम ने एशियाई खेलों में रजत पदक जीता। ज्योति और अभिषेक वर्मा ने कंपाउंड मिश्रित वर्ग में चार विश्व कप के चार चरण में कांस्य पदक जीते। दोनों ने सैमसन में विश्व कप फाइनल में रजत पदक हासिल किया। पुरूष कंपाउंड टीम एशियाई खेलों में खिताब बरकरार नहीं रख सकी और फाइनल में दक्षिण कोरिया से हार गई।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here