विस्फोटक में हुए धमाके

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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर

शिमला | हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला के बाथड़ी में पटाखा फैक्ट्री अवैध तौर पर चल रही थी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रारंभिक जांच के मुताबिक पटाखे बनाने के लिए फैक्ट्री संचालक को कानूनी तौर पर मान्यता नहीं दी गई थी। पुलिस ने हरोली थाना के अंतर्गत IPC की धारा 286, 337, 304A और एक्सप्लोसिव एक्ट की 9(C) के तहत FIR दर्ज कर ली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संवेदनशील मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) भी गठित कर ली है। सुमेधा दिवेदी DIG नॉर्कोटिक्स को SIT चेयरपर्सन, कमांडेंट IRBN बटालियन विमुक्त रंजन और SP ऊना अर्जित सेन ठाकुर को सदस्य बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर आज घटनास्थल के लिए रवाना हो रहे हैं। जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दोषियों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा। बता दें कि बाथड़ी की पटाखा फैक्ट्री के भीतर विस्फोटक में हुए धमाके से छह महिला श्रमिकों की जान गई है, जबकि 11 महिला श्रमिक PGI में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। 3 श्रमिक ऊना के अस्पताल में ही उपचाराधीन है। अब तक की जानकारी के मुताबिक फैक्ट्री चलाने के लिए न तो आवश्यक मंजूरी ली गई और न ही सुरक्षा मानकों का ध्यान रखा गया। फैक्ट्री में बिजली का कनेक्शन भी अवैध तौर पर लगाया गया था। यही वजह है कि प्रबंधन को इस हादसे के लिए दोषी माना जा रहा है। फैक्ट्री संचालकों के साथ राज्य सरकार, उद्योग विभाग, जिला प्रशासन और स्थानीय पंचयात की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान उठ रहे हैं, क्योंकि किसी को कानोकान खबर नहीं थी कि जिस जगह कुछ समय पहले तक धर्म कांटे बनाए जा रहे हैं। वहां अब अवैध तौर पर पटाखे बन रहे हैं। आज इसी लापरवाही की वजह से कई परिवारों के अपने प्रियजन हमेशा-हमेशा के लिए बिछड़ गए है।