इंदौर | इंदौर में कोरोना की तीसरी लहर में ब्लैक फंगस का पहला केस सामने आया है। खरगोन की एक महिला कोरोना से संक्रमित हो गई थी। उपचार के बाद जबड़े में ब्लैक फंगस मिला था। डॉक्टरों का कहना है सर्जरी के बाद अब महिला की हालत में सुधार है। 15 जनवरी को खरगोन में रहने वाली 37 वर्षीय महिला की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। उसे इंदौर के सीएचएल अस्पताल में भर्ती किया गया था। यहां से 5 दिन बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया था। 26 जनवरी से महिला को आंखों में जलन और नाक में तकलीफ होने लगी। सिरदर्द के साथ आंखों में नीलापन भी आ गया। तब उसे वापस अस्पताल लाया गया। यहां उसकी कई तरह की जांचों के साथ एंडोस्कोपी भी की गई। परीक्षण के बाद जबड़ों में ब्लैक फंगस पाया गया। डॉक्टरों ने तत्काल सर्जरी प्लान करके बुधवार को जबड़ों से ब्लैक फंगस निकाली। डॉ. ऋषि अजय खन्ना ने बताया कि महिला की हालत पहले से बेहतर है। ब्लैक फंगस दूर कर दी गई है। सीएमएचओ डॉ. बीएस सेत्या ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है और न ही सीएचएल अस्पताल की ओर से कोई जानकारी दी गई है। एमवायएच के ब्लैक फंगस यूनिट के प्रमुख डॉ. वीपी पाण्डे के मुताबिक तीसरी लहर में अभी तक ब्लैक फंगस का कोई पेशेंट नहीं मिला है। इसके पूर्व अप्रैल-मई 2021 में कोरोना की दूसरी लहर में शहर में ब्लैक फंगस के 800 से ज्यादा पेशेंट्स पाए गए थे। इनमें सबसे ज्यादा एमवाय अस्पताल में एडमिट थे। स्थिति यह थी उस दौरान अस्पताल की तीन मंजिलों के वार्ड में 200 से ज्यादा पेशेंट्स तक एडमिट रहे। इनमें से 630 पेशेंट्स का इलाज डेंटल कॉलेज के डॉक्टरों ने किया।