सजा का ऐलान 11 फरवरी को….

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अहमदाबाद | अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में सजा का ऐलान अब 11 फरवरी को होगा। बता दें, मंगलवार को गुजरात की स्पेशल कोर्ट ने 78 में से 49 आरोपियों को UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम) के तहत दोषी करार दिया था। देश के इतिहास में यह पहला मौका है, जब UAPA के तहत एक साथ 49 आरोपियों को सजा दी जाएगी। हालांकि, इन 49 दोषियों में से 1 दोषी अयाज सैयद को जांच में मदद करने के आरोप में बरी कर दिया गया है। अदालत ने मामले में संदेह के आधार पर कुल 29 आरोपियों को बरी कर दिया है। सभी आरोपी वर्चअल रूप से कोर्ट में उपस्थित रहेंगे। अदालत ने इस मामले की सुनवाई पिछले साल सितंबर में पूरी कर ली थी। दिसंबर 2009 में शुरू हुए इस मुकदमे में 1,100 लोगों की गवाही हुई। सबूत नहीं मिलने की वजह से 28 लोगों को बरी कर दिया गया। सरकारी वकीलों में एचएम ध्रुव, सुधीर ब्रह्मभट्ट, अमित पटेल और मितेश अमीन ने दलीलें दीं, जबकि बचाव पक्ष से एमएम शेख और खालिद शेख आदि ने दलील दीं। 26 जुलाई 2008, यही वह दिन था जब 70 मिनट के दौरान 21 बम धमाकों ने अहमदाबाद की रूह को हिलाकर रख दिया। शहर भर में हुए इन धमाकों में कम से कम 56 लोगों की जान गई, जबकि 200 लोग घायल हुए थी। धमाकों की जांच-पड़ताल कई साल चली और करीब 80 आरोपियों पर मुकदमा चला। पुलिस ने अहमदाबाद में 20 प्राथमिकी दर्ज की थी, जबकि सूरत में 15 अन्य प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जहां विभिन्न स्थानों से भी जिंदा बम बरामद किए गए थे। गोधरा कांड के जवाब में किए गए थे ब्लास्ट | ब्लास्ट में इंडियन मुजाहिदीन का हाथ था जांच के दौरान पुलिस ने दावा किया था कि आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (IM) और बैन किए गए स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) से जुड़े लोगों ने ब्लास्ट कराए थे। पुलिस का मानना था कि IM के आतंकियों ने 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के जवाब में ये धमाके किए। इस मामले के एक अन्य आरोपी यासिन भटकल पर पुलिस नए सिरे से केस चलाने की तैयारी में है। अदालत द्वारा सभी 35 प्राथमिकी को मर्ज करने के बाद मुकदमा चलाया गया, क्योंकि पुलिस जांच में दावा किया गया था कि “वे एक ही साजिश का हिस्सा थे। इस हमले के बाद गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी आतंकियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। गुजरात के मौजूदा डीजीपी आशीष भाटिया के नेतृत्व में बेहतरीन अफसरों की टीम बनाई गई। विस्फोट के बाद तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह 27 तारीख को अहमदाबाद के दौरे पर आए थे। मनमोहन सिंह के आने के बाद 28 जुलाई को गुजरात पुलिस की एक टीम बनाई गई और महज 19 दिनों में 30 आतंकियों को पकड़कर जेल भेज दिया गया। इसके बाद बाकी आतंकी समय-समय पर पकड़े जाते रहे हैं। अहमदाबाद में हुए धमाकों से पहले इंडियन मुजाहिदीन की इसी टीम ने जयपुर और वाराणसी में धमाकों को अंजाम दिया था। देश के कई राज्यों की पुलिस इन्हें पकड़ने में लगी हुई थी, लेकिन ये एक के बाद एक ब्लास्ट करते चले गए। अहमदाबाद धमाकों के दूसरे दिन यानि 27 जुलाई को सूरत में सीरियल ब्लास्ट हुए, लेकिन टाइमर में गड़बड़ी की वजह से ये धमाके नहीं हो पाए थे। पुलिस ने 19 दिन में ही मामला सुलझा लिया था | इस मामले में पुलिस ने 19 दिन में केस को सुलझाते हुए चार चरणों में आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। मामले की सुनवाई साबरमती सेंट्रल जेल में की गई। सरकारी वकीलों में एचएम ध्रुव, सुधीर ब्रह्मभट्ट, अमित पटेल और मितेश अमीन ने दलीलें दीं। जबकि बचाव पक्ष से एमएम शेख और खालिद शेख समेत वकीलों ने दलील दींराज्य में पहला मामला जहां एक ही केस में 49 को दोषी करार दिया गया13 साल की लंबी लड़ाई के बाद आया फैसलाकिसी बड़े मामले में पहली बार वर्चुअल फैसलाकुल 78 आरोपी, 6,752 पेज का फैसला, आज वर्चुअल बैठक में सजा सुनाई जाएगी | इस मामले में पुलिस ने 19 दिन में केस को सुलझाते हुए चार चरणों में आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। मामले की सुनवाई साबरमती सेंट्रल जेल में की गई। सरकारी वकीलों में एचएम ध्रुव, सुधीर ब्रह्मभट्ट, अमित पटेल और मितेश अमीन ने दलीलें दीं। जबकि बचाव पक्ष से एमएम शेख और खालिद शेख समेत वकीलों ने दलील दींराज्य में पहला मामला जहां एक ही केस में 49 को दोषी करार दिया गया13 साल की लंबी लड़ाई के बाद आया फैसलाकिसी बड़े मामले में पहली बार वर्चुअल फैसलाकुल 78 आरोपी, 6,752 पेज का फैसला, आज वर्चुअल बैठक में सजा सुनाई जाएगी