दिल्ली उच्च न्यायालय में आज व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी…

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दिल्ली उच्च न्यायालय में आज व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी पर सुनवाई हुई। इस दौरान जब याचिकाकार्ता ने कोर्ट से कहा कि यूरोप और अमेरिका में, व्हाट्सऐप की पॉलिसी को स्वीकार या अस्वीकार करने का विकल्प देता है। लेकिन यहां भारत में ऐसा कोई विकल्प नहीं दिया गया है। इसपर कोर्ट ने कहा कि आपके पास एक विकल्प है। ऐप का इस्तमाल नहीं करें।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा, ‘आपकी शिकायत क्या है? यह एक निजी ऐप है, इसमें शामिल न हों। आपको क्या लगता है कि डेटा समझौता करने वाला है?’ इसपर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, ‘व्हाट्सऐप विश्व स्तर पर जानकारी साझा करता है। जो कुछ भी वे हमसे इकट्ठा करते हैं, वह साझा किया जाता है।’

कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि दो मुद्दे हैं। एक यह है कि आपके व्यक्तिगत संदेशों को देखा और साझा किया जाता है। दूसरा यह कि आपका ब्राउज़िंग हिस्ट्री साझा किया जाता है। इसपर वकील ने कहा कि वे ब्राउज़िंग हिस्ट्री का विश्लेषण करते हैं और उपयोगकर्ता के बारे में एक राय बनाते हैं और उसे साझा करते हैं। कोर्ट ने इसपर कहा की सभी ऐप्स ऐसा करते हैं।

सूचना प्रसारण मंत्रालय की तरफ से पेश हुए एएसजी चेतन शर्मा ने कोर्ट से कहा कि इस मुद्दे का विश्लेषण करने की आवश्यकता है।  सुनवाई के दौरान व्हाट्सऐप का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि मैं यह सबमिट कर रहा हूं कि ऐप का उपयोग करना पूरी तरह से सुरक्षित है। याचिकाकर्ता को आश्वस्त किया जाए कि दोस्तों, रिश्तेदारों, आदि के बीच सभी चैट एन्क्रिप्टेड और सुरक्षित होंगे।

आपको बता दें कि आज की सुनवाई पूरी हो चुकी है। अब इस मामले को 25 जनवरी को सुनवाई होगी।