बच्चे जिंदा जल गए…….

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लौंगोवाल – लौंगोवाल में कबाड़ से खरीदी वैन में शनिवार को 4 बच्चे जिंदा जल गए थे। रविवार को एक साथ 4 चिताएं जलीं। सैकड़ों लोग बच्चों को अंतिम विदाई में शामिल हुए और श्रद्धांजलि दी। रविवार सुबह 9.40 बजे संगरूर के सिविल अस्पताल से गठरी में बांधकर चारों मासूमों के शवों को राम बाग संस्कार घर में लाया गया। गठरी में मासूमों के नाम लिखे गए थे। मासूम का नाम बोल कर गठरी परिजनों को सौंप दी जा रही थी। जैसे ही शव पहुंचे तो मासूमों की बिलखती मांएं अपने लाडलों का चेहरा दिखाने की जिद्द करने लगीं। वह उनके अंतिम दर्शन करना चाहती थीं। लेकिन परिजनों ने माथा ही टिकवाया क्योंकि शरीर के नाम पर केवल कंकाल बचा था और महिलाएं कंकाल देख सहम सकती थी। वहीं, मृतक सिमरजीत सिंह (5) की दादी चरणजीत कौर पोते के लिए नया सूट लेकर श्मशान घाट पहुंची थी। चरणजीत कौर का कहना है कि सिमरजीत को नए कपड़े पहनने का बहुत शौक था। जब भी बाजार जाती थी उसके लिए नया सूूट लाती थी। आज भी पोते को नया सूट डाल कर विदा करना है। साढ़े 3 साल की अराध्या के पिता सतपाल कुमार की बड़ी बेटी अंशिका भी वैन में थी। उसे बचा लिया गया था। अंशिका इस समय पौने 5 साल की है। जो पूूरी रात अपनी छोटी बहन अराध्या को पुकारती रही है। सपने में भी अराध्या को पुकारती थी। वहीं, सरकार ने कहा कि सूबे के स्कूलों में उपयोग में लाई जा रहे कंडम वाहनों को इंपाउंड किया जाएगा। सवाल है कि जिम्मेदार लोग हादसों के बाद ही क्यों जागते हैं। हादसे वाली जगह पर रविवार काे सन्नाटा पसरा रहा। घटनास्थल पर बच्चों की बिखरी अधजली किताबें बिखरी पड़ी थीं। मानों किताबों के अधजले पन्ने बच्चों की मौत की गवाही दे रहे हैं। पुलिस ने स्कूल की इमारत के पास पहरा डाल रखा है। स्कूल में 250 बच्चे पढ़ते हैं। फिलहाल स्कूल बंद है। सिमरन पब्लिक स्कूल की वैन में जिंदा जले 4 बच्चों की मौत के मुख्य आरोपी स्कूल संचालक और म्यूजिक टीचर (वैन चालक) को कोर्ट ने 3 दिन के रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस ने मरने वाली नवजोत के पिता जसवीर के बयान पर स्कूल संचालक लखविंदर व म्यूजिक टीचर दलबीर सिंह के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया था। सेहत खराब बताकर दोनों अस्पताल में भर्ती हो गए थे। रविवार को छुट्‌टी मिलते ही अरेस्ट कर लिया गया था।