अज्ञात कीड़े का डर….

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जगदलपुर – मेडिकल कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल में इन दिनों एक अज्ञात कीड़े ने डर का माहौल बना दिया है। दरअसल, हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं और कुछ महिला चिकित्सक इस कीड़े के काटने के बाद गंभीर चर्म रोग से पीड़ित हो गईं हैं। रोग भी ऐसा वैसा नहीं, बल्कि बेहद दर्द भरा है। भास्कर को हॉस्टल की छात्राओं ने सूचना दी कि पिछले एक सप्ताह में एक के बाद एक महिला चिकित्सक और छात्राओं को गंभीर दर्द भरे चर्म रोग से गुजरना पड़ रहा है। यह रोग एक छोटे से कीड़े के काटने से हो रहा है। एक छात्रा ने बताया कि कीड़े का आकार बेहद छोटा है और वह जिस स्थान पर काटता है उस स्थान के आसपास का क्षेत्र लाल हो जाता है और फिर सूजन के बाद उसमें फफोले पड़ जाते हैं यह फफोले बिल्कुल ऐसे होते हैं जैसे शरीर का हिस्सा जल गया हो। सबसे पहले इस कीड़े की चपेट में एक डिपार्टमेंट में काम करने वाली महिला चिकित्सक आई। इसके बाद एक के बाद एक आधा दर्जन छात्राएं इसकी चपेट में आ चुकी हैं। छात्राओं ने बताया कि कीड़े का आकार इतना छोटा है कि रात में मच्छरदानी लगाकर सोने के बाद भी इसके हमले से बचना मुश्किल है। एक आशंका यह भी: माइक्रोबॉयोलॉजी लैब में खुले में पड़े हैं वायरस, वहीं से तो नहीं निकले कीड़े ,इधर मेकॉज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट की लैब बेहद असुरक्षित है। यहां एल्युमिनियम के सेक्शन के जरिए पार्टीशन कर बनाई गई लैब में गंभीर बीमारियां फैलाने वाले वायरस जो मरीजों के खून के नमूनों में थे, उन्हें रखा गया है। मेकॉज इस डिपार्टमेंट में बायोसेफ्टी लैब बननी थी। बायोसेफ्टी लैब से तात्पर्य यह है कि यदि कोई वायरस लैब में गलती से फैल भी जाए तो वह वायरस वहां से बाहर न निकल पाए और उस वायरस को लैब में ही खत्म कर दिया जाए, लेकिन यहां बायोसेफ्टी लैब ही नहीं बनाई गई है और एल्युमिनियम के पार्टीशन में रखा गया है। ऐसे में गर्ल्स हॉस्टल में फैले कीड़ों के प्रकोप के बाद अब आशंका बनी हुई है कि कहीं ये कीड़े इसी लैब से तो नहीं निकले हैं।