संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक……..

0
388

चाईबासा –  मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बुधवार को पश्चिमी सिंहभूम के अति नक्सल प्रभावित बुरुगुलीकेरा गांव में हुई घटना की संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। साथ ही स्थिति की समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर पश्चिमी सिंहभूम जिले में हुई घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि झारखंड पुलिस मामले की जांच कर रही है और तलाशी अभियान जारी है। कानून सबसे ऊपर है और दोषी पाए जाने वालों के खिलाई कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि पश्चिमी सिंहभूम के अति नक्सल प्रभावित बुरुगुलीकेरा गांव में पत्थलगड़ी का विरोध करने पर रविवार को सात लोगों का अपहरण कर लिया गया था। गुलीकेरा पंचायत के उपमुखिया जेम्स बूढ़ सहित इन सातों की हत्या की आशंका जताई जा रही है। चाईबासा एसपी इंद्रजीत महथा ने बताया कि पुलिस को सात लोगों की हत्या की सूचना मिली है। शवों को ढूंढ़ने के लिए पुलिस सर्च अभियान चला रही है। लेकिन देर रात तक कोई शव नहीं मिला था। उधर, इस हत्याकांड की गंभीरता को देखकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बुधवार को दिल्ली से लौटने के बाद चाईबासा जा सकते हैं।  घटना रविवार को गुलीकेरा पंचायत के बुरुगुलीकेरा गांव में हुई। यह सोनुआ से 32 किलोमीटर दूर जंगली इलाका है। इस गांव के दो और ग्रामीणों के लापता होने की भी सूचना है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो रही है। मंगलवार दोपहर सात लोगों की हत्या की सूचना मिलने के बाद एसपी इंद्रजीत महथा अन्य पुलिस अफसरों के साथ लोढ़ाई पहुंचे। एसपी अधिकारियों के साथ वहीं कैंप कर रहे हैं। उधर, पुलिस की एक टीम बुरुगुलीकेरा गांव के आसपास के जंगल में शवों को तलाशने में जुटी है। सोनुआ थाना में भी बड़ी संख्या में पुलिस बल को रिजर्व रखा गया है। पुलिस के मुताबिक पत्थलगड़ी समर्थकों ने रविवार को गांव में ग्रामीणों के साथ बैठक की। पत्थलगड़ी का विरोध किया तो उपमुखिया जेम्स बूढ़ और छह लोगों की पिटाई शुरू कर दी। यह देख परिजन डर गए और वहां से भाग निकले। इसके बाद पत्थलगड़ी समर्थक सातों को उठाकर जंगल की ओर ले गए। जब ये लोग नहीं लौटे तो सोमवार को इनके परिजन गुदड़ी थाना पहुंचे और पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस ने छानबीन शुरू की। इसी बीच मंगलवार दोपहर पुलिस को सूचना मिली कि इन सातों की हत्या कर दी गई और शवों को जंगल में फेंक दिया गया है। इसके बाद पुलिस ने शवों की तलाश शुरू की। पहला दिन: 19 जनवरी, रविवार: गांव में पत्थलगड़ी समर्थकों ने बैठक की। सात लोगों की पिटाई की। दूसरा दिन: 20 जनवरी, सोमवार: बैठक से भागे उप मुखिया के परिजनों व अन्य ने गुदड़ी पुलिस को सूचना दी। तीसरा दिन: 21 जनवरी, मंगलवार: एसपी ने रणनीति बनाई। सोनुआ के रास्ते घटनास्थल रवाना हुए। झारखंड में पत्थलगड़ी के समर्थन में अब तक कई घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन इतनी बड़ी वारदात पहली बार हुई है। सात लोगों की हत्या की सूचना के बाद गुदड़ी थाना पुलिस से लेकर जिला पुलिस प्रशासन तक में हड़कंप मच गया। करीब ढाई बजे जैसे ही गुदड़ी थाना पुलिस को सात लोगों की हत्या की सूचना मिली, सभी अधिकारी रेस हो गए। घटना के सत्यापन में जुट गए। लेकिन देर रात तक भी हर कोई हत्या की सूचना मिलने की बात करता रहा। पुष्टि करने को कोई तैयार नहीं हुआ। सभी का कहना था कि पुलिस की टीम शव को ढूंढ़ने के लिए जंगल में सर्च अभियान चला रही है। जब तक शव नहीं मिल जाते और पुलिस टीम वापस नहीं लौट जाती, तब तक इस संबंध में स्पष्ट रूप से कुछ भी नहीं कहा जा सकता। गुदड़ी थाना प्रभारी अशोक कुमार ने बताया- मुझे दोपहर ढाई बजे सूचना मिली कि सात लोगों की हत्या कर दी गई है। इसके बाद आला अधिकारियों को सूचना दी गई। पुलिस टीम शवों को तलाशने घटना स्थल पर गई है। इलाका जंगली और नक्सल प्रभावित होने के कारण देरी हो रही है। जब तक शव नहीं मिल जाते, तब तक ज्यादा कुछ बताया नहीं जा सकता।