जूते और चप्पल मारते हुए…….

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मुंबई –  पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस और शिवसैनिकों(शिवसेना कार्यकर्ताओं) के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को अमृता ने एक वीडियो ट्वीट कर शिवसेना पर निशाना साधा है। इसमें कुछ शिवसेना के कार्यकर्ता अमृता की तस्वीर पर जूते और चप्पल मारते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो के साथ अमृता ने लिखा है ‘दिखाओ चप्पल, फेको पत्थर, ये तो शौक हैं पुराना आपका, हम तो वो शख्स हैं कि धूप में भी निखर आएंगे।’ असल में अमृता एक ट्वीट की वजह से शिवसेना के टारगेट पर हैं। महिला शिवसैनिकों ने तो सीधी चेतावनी दे दी है कि अगर देवेंद्र फडणवीस बीच में न पड़ें, तो वह अपनी स्टाइल में अमृता फडणवीस को उचित जवाब दे सकती हैं।इस वजह से नाराज हैं शिवसैनिक – दरअसल पिछले दिनों देवेंद्र फडणवीस ने पिछले दिनों राहुल गांधी के बारे में ट्वीट किया था कि, ‘गांधी’ सरनेम लगाने से हर कोई गांधी नहीं हो जाता। एक सप्ताह बाद इसी ट्वीट पर अमृता फडणवीस ने अंग्रेजी में एक ट्वीट लिखा, जिसका हिंदी में मतलब यह है कि ‘बिलकुल सही देवेंद्र फडणवीस जी! अपने नाम के बाद केवल ‘ठाकरे’ उपनाम लगाने से कोई भी ‘ठाकरे’ नहीं बन सकता! यह सच जानने की जरूरत है कि वह एक थे जो लोगों और पार्टी के सदस्यों की बेहतरी के लिए अपने परिवार और सत्ता की ललक से ऊपर थे।’ अमृता ने इस ट्वीट में किसी का नाम नहीं लिखा, लेकिन सबकी समझ में आ गया कि अमृता का निशाना मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ही हैं। इसके बाद शिवसैनिकों ने ट्विटर पर ही अमृता फडणवीस को जबाव देना शुरु कर दिया। शिवसेना नगरसेवक अमेय घोलप ने अमृता की तुलना पेशवा रघुनाथ राव की ‘बुद्धि भ्रष्ट’ करने वाली आनंदी बाई से कर डाली। वहीं युवा सेना के नेता वरुण सरदेसाई ने ट्विटर पर लिखा, ‘मराठी बिग बॉस के ऑडिशन शुरू हो गए हैं क्या? भूतपूर्व होने के बाद अब कोई इंडियन आइडल के लिए तो खड़ा करेगा नहीं, इसलिए बिग बॉस के लिए चलने दो।’ शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया कि ‘हां, वह अपने नाम पर खरा उतर रहे हैं, लेकिन हमेशा की तरह आपने यह खबर नहीं देखी- उन्होंने वादे पूरे किए, और अपने लोगों के कल्याण के लिए काम करने, किसानों का कर्ज माफ करने, 10 रुपये में भोजन जैसी अपनी मूल प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिये हर क्षेत्र में मुख्यमंत्री कार्यालय काम कर रहा है। यह सब कुछ सरकार गठन के एक महीने के अंदर। शुक्र है अपनी ही तारीफ में गाने नहीं गा रहे।’