29 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार….

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मुंबई-  गाेरेगांव स्थित आरे काॅलाेनी में मेट्राे कार शेड के लिए करीब 2700 पेड़ काटने का काम शुक्रवार देर रात शुरू हो गया। पर्यावरण कार्यकर्ताओं के साथ आमजन ने भी इसका विरोध किया। शनिवार को शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा- मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के अधिकारियों को पीओके भेजा जाना चाहिए ताकि वे पेड़ काटने के बजाए वहां आतंकी ठिकानों को नष्ट कर सकें। वहीं, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के मुताबिक, बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि यह जंगल नहीं है। जब दिल्ली मेट्रो स्टेशन बनाया गया था, उस समय भी 20-25 पेड़ काटे गए थे। लोगों ने तब भी विरोध प्रदर्शन किया था। मगर हर काटे गए पेड़ के बदले पांच पौधे लगाए भी गए थे। उन्होंने कहा- दिल्ली में 271 मेट्रो स्टेशन बने। इसके बाद पेड़ों की संख्या भी बढ़ी। यह भी विकास है। प्रकृति को संपन्न बनाने का जरिया है। कांग्रेस ने इस मामले पर ट्वीट किया- वैश्विक मंच पर पर्यावरण बचाने के लिए प्रधानमंत्री के कोरे दावे केवल लोगों को खुश करने के लिए थे। जबकि अपने ही देश में पर्यावरण को लेकर उनकी सरकार का रवैया एकदम उलट है। मुंबई पुलिस ने 29 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया। शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी समेत करीब 100 लोगों को हिरासत में ले लिया। इससे पहले बाॅम्बे हाईकाेर्ट ने शुक्रवार काे पेड़ काटने संबंधी बीएमसी की ट्री अथाॅरिटी का फैसला खारिज करने से इनकार कर दिया था।
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रदीप नंदराजाेग और जस्टिस भारती डांगरे की बेंच ने आरे काॅलाेनी से जुड़ी एनजीओ और पर्यावरण कार्यकर्ताओं की चार याचिकाएं खारिज कीं। बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरे काॅलाेनी काे वन घाेषित करने से इनकार कर दिया। यह याचिकाएं आरे काॅलाेनी में मेट्राे कार शेड के लिए करीब 2700 पेड़ों को काटे जाने के विराेध में दाखिल की गई थीं। मुंबई पुलिस पीआरओ ने शनिवार को बताया कि मेट्रो-रेल प्रोजेक्ट साइट पर धारा 144 लागू कर दी गई है। इस इलाके में विरोध प्रदर्शन दर्ज करवाने के लिए लोग भारी संख्या में इकट्ठा हो रहे थे। मामले में शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी को भी हिरासत में लिया गया है। वे वेस्टर्न एक्सप्रेस-वे पर सरकार के फैसले को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही थीं। अब तक 100 से ज्यादा लोग हिरासत में लिए जा चुके हैं। आरे जंगल के बाहर कई इलाकों में बैरिकेड लगाकर पुलिस आने-जाने वालों को रोक रही है।
शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने इस कदम को लेकर ट्विटर पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने लिखा, ‘‘जिस तत्परता से मुंबई मेट्रो के अधिकारी आरे कॉलोनी के इकोसिस्टम को काटने में जुटे हैं, यह बेहद शर्मनाक है। इन अधिकारियों को तो पीओके में तैनात किया जाना चाहिए। इनसे कहा जाना चाहिए कि पेड़ काटने के बजाए आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त करो।’’ ठाकरे ने कहा, ‘‘कई पर्यावरणविद और शिवसैनिक इसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस की मौजूदगी भी बढ़ाई जा रही है। वनक्षेत्र को काटा जा रहा है। मुंबई मेट्रो हर उस बात को खत्म कर रही है जो भारत ने यूएन में कही थी।’’ रिपोर्ट के मुताबिक, म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के नियमानुसार कोर्ट ऑर्डर आने के 15 दिनों तक पेड़ों को नहीं काटा जा सकता। यह आदेश कॉर्पोरेशन की वेबसाइट पर लगा हुआ है। एक प्रदर्शनकारी ने न्यूज एजेंसी से कहा- आखिर इतनी भी जल्दी क्या है। वे लोग आधी रात में पेड़ काट रहे हैं। अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा- यह बेहद दुखद है कि जो पेड़ दूसरों को जीवन देते हैं, उन्हें काटा जा रहा है। यह हो रहा है। वह भी ऐसे समय, जब सरकार खुद लोगों से ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की अपील कर रही है। वही, एक वीडियो भी सामने आया जिसमें कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवानी और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे मुंबई के लोगों से अपील करते दिखे कि अवैध कदम का विरोध करें। इससे पहले एनजीओ वनशक्ति ने मांग की थी कि आरे काॅलाेनी काे वन एवं पारिस्थितिकी ताैर पर संवेदनशील क्षेत्र घाेषित किया जाए। एक अन्य याचिकाकर्ता जाेरू बाथीना ने इस इलाके काे बाढ़ क्षेत्र घाेषित करने की मांग की थी। बीएमसी ने 29 अगस्त काे मेट्राे कार शेड के लिए पेड़ काटने की इजाजत दी थी।