रेसलर्स का भविष्य दांव पर………

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सूरत –  गुजरात स्टेट रेसलिंग एसोसिएशन ने सूरत रेसलिंग एसोसिएशन की मान्यता पैसों के लेनदेन के विवाद में रद्द कर दी है। दोनों एसोसिएशन के बीच 34 लाख रुपए के हिसाब किताब को लेकर विवाद है। अब सूरत के 35 रेसलर्स का भविष्य दांव पर है। इनको स्टेट रेसलिंग एसोसिएशन पर निर्भर रहना होगा। सन् 1974 में शुरू हुई सूरत रेसलिंग एसोसिएशन की तरफ से अब तक हजारों खिलाड़ी अलग-अलग लेवल पर कुश्ती प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुके हैं। हालांकि 45 साल के इतिहास में अब तक यहां से कोई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर तक नहीं जा पाया। मान्यता रद्द होने के बाद सूरत एसोसिएशन ने गांधीनगर के स्पोर्ट्स यूथ कल्चरल एक्टिविटीज डिपार्टमेंट को पत्र लिखा था। इस पर सरकार ने गुजरात एसोसिएशन को दो बार नोटिस देकर जवाब भी मांगा था। फिर संतोषजनक जवाब न मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी। शर्मा ने बताया कि दोनों एसोसिएशन के बीच तय हुआ था कि इंडोर स्टेडियम में हुई रेसलिंग प्रतियोगिता के बाद जितना भी पैसा इकट्ठा होगा, उसमें से सारा खर्च निकालकर जो पैसे बचेंगे, आधा-आधा बांट लिया जाएगा। लेकिन गुजरात स्टेट रेसलिंग एसोसिएशन के प्रमुख इंद्रवदन नानावटी के पास जब हिसाब की बात करने गए तो उसने खर्चे की बात पर चर्चा ही नहीं की। नानावटी ने 100 जर्सी का हिसाब तथा वॉलंटियर को दिए चांदी के सिक्के के नाम पर सूरत एसोसिएशन को बर्खास्त किया। इधर, शर्मा का कहना है कि उनके पास हर चीज का हिसाब है। नानावटी ने ही जर्सी वितरण किया था। चांदी के सिक्के पर स्पॉन्सर का नाम था। प्रतियोगिता के खर्च के लिए स्टेट एसोसिएशन ने एक लाख रुपए दिए थे, जबकि सूरत एसो. के 16 हजार खर्च हो गए। गुजरात रेसलिंग एसोसिएशन के चेयरमैन इंद्रवदन नानावटी ने बताया कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि जो पैसा आएगा वो जिला एसोसिएशन को देना होगा। सूरत की मान्यता इसलिए रद्द हुई है क्योंकि उन्होंने आधिकारिक रिन्युअल नहीं करवाया था। इसके अलावा दो और कारण गिनाए। सूरत एसोसिएशन के बच्चों की जिम्मेदारी मैं लेता हूं, उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी। सूरत रेसलिंग एसोसिएशन के प्रमुख रोहित शर्मा ने बताया कि एक नोटिस दिया और फिर मान्यता रद्द कर दी गई। जिसके बाद सूरत की तरफ से गुजरात स्टेट रेसलिंग एसोसिएशन को तीन और सरकार की तरफ से दो नोटिस भेजे गए।