दूसरे दिन से अदा की जाएगी कुर्बानी की रस्म….

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मुजफ्फरपुर-  बाबा गरीबनाथ मंदिर के आसपास रहनेवाले करीब 3 दर्जन मुसलमान परिवाराें ने बकरीद के अवसर पर साैहार्द्र की मिसाल कायम की है। देश काे नया पैगाम दिया है। सावन के आखिरी साेमवार के दिन शुरू हाे रहे बकरीद के पहले दिन ये मुस्लिम परिवार कुर्बानी नहीं करेंगे। इसका ऐलान शनिवार काे मंदिर के समीप स्थित छाता बाजार मस्जिद में इमाम माैलाना शहीदुज्जमां की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद किया गया। बाबा गरीबनाथ मंदिर में सावन की अंतिम साेमवारी पर जलाभिषेक के लिए डेढ़-दाे लाख तक कांवरिए व शिव भक्त उमड़ते हैं। बड़े पैमाने पर मेला लगता है। हर गली व सड़कें कांवरियाें से पट जाती हैं। ऐसे में उस दिन मंदिर के समीप के माेहल्ले में बकरे काे जिबह न किया जाए, इसके लिए वाॅर्ड पार्षद माे. शेरू के भाई माे. चांद व वाॅर्ड 21 के पार्षद केपी पप्पू ने लाेगाें से वार्ता की। छाता बाजार मस्जिद कमेटी के सचिव माे. आजाद ने कहा कि कुर्बानी से कांवरिए व शिवभक्ताें काे परेशानी हाेगी। इसलिए माेहल्ले के सभी मुसलमानाें ने एक मत से यह निर्णय लिया कि बकरीद ताे 3 दिनाें का पर्व है। यदि पहले दिन कुर्बानी न की जाए ताे काेई बात नहीं, दूसरे दिन कर लेंगे। मंगलवार काे कांवरियाें का हुजूम भी नहीं रहेगा। छाता बाजार मस्जिद में इसके लिए आयाेजित बैठक में वार्ड पार्षद केपी पप्पू, सचिव माे. आजाद, सदस्य माे. इरशाद उर्फ सादू, दिलशाद अहमद, इम्तेयाज अहमद, शहनवाज अहमद, माे. चांद, जहीर अनवर उर्फ राजा, माे. आदिल के अलावा मंदिर पक्ष के भी कई लाेग माैजूद थे। इधर, पुलिस-प्रशासन की ओर से जिले में साेमवारी व बकरीद काे लेकर सभी संवेदनशील इलाकाें में दंडाधिकारियाें व पुलिस की तैनाती की गई है। पिछले साल कुछ लाेगाें ने की थी माहाैल बिगाड़ने की काेशिश पिछले साल पुरानी बाजार व छाता बाजार माेहल्ले में कुछ शरारती तत्वाें ने माहाैल बिगाड़ने की काेशिश की थी। बकरीद के दिन जानवर की हड्डियां नाले में फेंकी गई थीं। माेहल्ले के छाेटे मंदिर के सामने सड़क पर भी कुछ अवशेष व हड्डियां दिखी थीं। उस समय भी स्थानीय लाेगाें ने सूझ-बूझ दिखाते हुए स्थिति संभाल ली थी।

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