मुंबई- दिवालिया जेट एयरवेज में हिस्सेदारी खरीदने के लिए आखिरी दिन (शनिवार) तक सिर्फ 4 बोलियां मिलीं। इसलिए एयरलाइन के कर्जदाताओं ने समय सीमा एक हफ्ते बढ़ाकर 10 अगस्त कर दी। रेजोल्यूशन प्रोफेशनल आशीष छाबरिया द्वारा शर्तें तय होने के बाद पिछले महीने बोली प्रक्रिया शुरु हुई थी।
कर्जदाताओं का कहना है कि इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) का उद्देश्य पूरा करने और जेट के एसेट्स की ज्यादा से ज्यादा वैल्यू हासिल करने के लिए डेडलाइन बढ़ाने का फैसला लिया। इस हफ्ते की शुरुआत में एसबीआई ने जेट के लिए 10 करोड़ रुपए की अंतरिम फंडिंग मंजूर की थी। दूसरे कर्जदाता बैंक भी फंडिंग मंजूर करने की प्रक्रिया में हैं। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने 23 जुलाई को रेजोल्यूशन प्रोफेशनल से कहा था कि जेट के कर्मचारियों के वेतन के मुद्दे पर कर्जदाताओं से बात की जाए। अगर पूरा भुगतान नहीं किया जाए तो मानवता के नाते बकाया सैलरी का एक हिस्सा दिया जाना चाहिए। जेट के रेजोल्यूशन प्लान के तहत कर्जदाता बैंकों ने 25 मार्च को एयरलाइन के 51% शेयर हासिल किए थे। लेकिन, कोई खरीदार नहीं मिलने की वजह से 17 जून को दिवालिया अदालत पहुंच गए। जेट एयरवेज का संचालन 17 अप्रैल को बंद हो गया था।