विश्व गुरु बनाने के लिए संगठित होना होगा…..

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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

सिमडेगा : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को सिमडेगा में कहा कि भारत विश्व गुरु बनेगा. इसके लिए हमें भेदभाव की दूरी मिटा कर संगठित होकर कार्य करना होगा. मैं इसके लिए अग्रिम बधाई देता हूं. उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जहां सनातन काल से ही मानव सेवा का पाठ पढ़ाया जाता है.
सनातन धर्म को कोई तोड़ नहीं सकता. कुछ बाहरी तत्व धर्म पर आक्रमण कर कुछ लोगों को बांटने में सफल हुए हैं. किंतु सनातन धर्म एक है और संगठित है, इसे कोई तोड़ नहीं सकता. आरएसएस प्रमुख श्री भागवत बुधवार को रामरेखा धाम के महंत उमाकांत जी महाराज के बुलावे पर सिमडेगा पहुंचे थे. इस मौके पर श्री भागवत ने रामरेखा धाम में हिंदू धर्म रक्षा समिति सहित अन्य धार्मिक संगठनों के कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया.
संघ प्रमुख का पुष्प वर्षा कर स्वागत : मोहन भागवत के रामरेखा धाम पहुंचने पर प्रबंध समिति के लोगों ने पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया.
श्री भागवत सबसे पहले रामरेखा धाम में स्थित ब्रह्मलीन रामरेखा बाबा जयराम जी प्रपन्नाचार्य महाराज की समाधि स्थल पर गये और माथा टेका. मंदिर में पूजा के बाद श्री भागवत महंत उमाकांत जी महाराज के साथ धार्मिक एवं सामाजिक विषयों पर विचार-विमर्श किया. शाम को वह रामरेखा धाम से रांची के लिए लौट आयें. गुरुवार को मोहन भागवत कोलकाता में रहेंगे.
सिमडेगा के रामरेखा धाम पहुंचे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत : सत्य और धर्म के मार्ग पर चलना होगा
संघ प्रमुख ने कार्यकर्ताओं से कहा कि हमें सत्य और धर्म के मार्ग पर चलना होगा. इस मार्ग पर चल कर ही हम संगठित हो सकते हैं. हम संगठित होंगे, तो लोग हमारे पास आयेंगे और पूछेंगे कि आपको क्या चाहिए. श्री भागवत ने कहा कि हमें सभी वर्गों को जोड़ कर आगे बढ़ना है. प्रभु श्रीराम और कृष्ण सभी के पूर्वज हैं. उन्होंने कहा कि संघ के लोग सत्ता के भूखे नहीं हैं, उन्हें सत्ता सुख नहीं चाहिए. कार्यकर्ताओं से कहा कि हमेशा सत्य और धर्म के मार्ग पर चलें.

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