रतलाम- 40 से 44 डिग्री की तेज गर्मी सहने के बाद जिस खबर का आपको बेसब्री से इंतजार है वह आ गई है। मौसम वैज्ञानिकों ने 24 घंटे में मानसून के केरल पहुंचने के बात कही है। लेकिन बीते 10 साल के आंकड़ों पर गौर करें तो केरल में मानसून पहुंचने के औसतन 23 दिन बाद रतलाम में तेज बारिश होती है। हालांकि निराश होने की जरूरत इसलिए नहीं है क्योंकि केरल में मानसून पहुंचते ही हमारे शहर में प्री-मानसून एक्टिविटी तेज हो जाएगी। इससे गर्मी से राहत मिलना तय है।
बीते 10 सालों में हमारे शहर से मानसून की बेरुखी सबसे ज्यादा 2014 में हुई थी। इस दौरान 15 जुलाई को तेज बारिश हुई। तब सूखे की स्थिति भी बनी थी क्योंकि सिर्फ 15.61 इंच ही बारिश दर्ज की गई थी। इसके बाद मानसून की चाल अच्छी रही है। बीते तीन साल में रतलाम में 25 से 28 जून के बीच मानसून पहुंच रहा है। यह अच्छा है क्योंकि 2016 में 41.16 इंच, 2017 में 38.2 इंच, 2018 में 36.14 इंच बारिश हुई थी। हमारे जिले की सामान्य वर्षा 36.10 इंच है। अच्छी बारिश के कारण सामान्य बारिश का आंकड़ा बढ़ा है। यह दो साल पहले तक 35.27 इंच था। इस साल भी मानसून की तेज बारिश 25 से 30 जून के बीच होने के आसार है।
दो दिन से तापमान 420 के करीब
रतलाम का तापमान दो दिन से 42 डिग्री के करीब बना हुआ है। बुधवार को अधिकतम तापमान 42.6 डिग्री व न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री रहा। मंगलवार को अधिकतम 42.2 डिग्री व न्यूनतम 26.0 डिग्री रहा था। सुबह को आर्द्रता 49 व शाम को 18 प्रतिशत रही।
मौसम वैज्ञानिक डाॅ. डीपी दुबे के मुताबिक 10 जून के बाद मानसून का असर दिखना शुरू हाेगा। क्योंकि मानसून सेट होने व करंट आने में समय लगता है। विंड पैटर्न दक्षिणी पश्चिमी होगा। प्री-मानसून की गतिविधियां तेज होती जाएगी, तेज हवा के साथ बारिश के अासार रहेंगे। रतलाम में 20 जून के पहले मानसून एक्टिविटी होने की संभावना नहीं है।
दो साल में ऐसा रहा मानसून
2017 में मानसून तय समय से 10 दिन लेट यानी 24 जून तक पहुंचा था। प्री मानसून एक्टिविटी 6 जून से शुरू हो गई थी। 15 सितंबर को 2017 में बारिश का कोटा पूरा हुआ था।
24 जून 2017 को 2 घंटे में 3 इंच बारिश हो गई थी। 23 सितंबर तक जिले में 38.22 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई। 26 जुलाई से 6 दिनों तक सावन की झड़ी लगी थी। 7.48 इंच बारिश हो गई थी।
2018 में 28 जून तक पहुंचा मानसून, इस साल 15 सितंबर तक की बारिश का कोटा पूरा हो गया था। इसके बाद छिटपुट बारिश से सालभर का कोटा पूरा हो गया।