खंडवा- आश्रमों में व्याप्त अव्यवस्था के कारण भोपाल की एक युवती आश्रम छोड़कर खंडवा आ गई। वह बुधवार को बस स्टैंड पर भटक रही थी और यहां-वहां अपने शरण की तलाश कर रही थी। इस दौरान बस स्टैंड पर कुली का काम करने वाले समाजसेवी मुख्त्यार मनिहार ने समाजसेवी सुनील जैन को फोन लगाकर अज्ञात युवती की सूचना दी।
समाजसेवी जैन तुरंत बस स्टैंड पहुंचे और बालिका से चर्चा की तो उसने अपना नाम निशा पिता पप्पू यादव बताया। इस दौरान उसने कहा मेरे माता-पिता नहीं है, मेरे भाई-भाभी, बुआ भोपाल में रहते हैं लेकिन मुझे उनका पता नहीं मालूम। मैं कई दिनों से इंदौर के आश्रम में रह रही थी। वहां पर 20 से 25 लड़कियां और थी। हम तीन लड़कियों को ताले में बंद कर दिया जाता था, साथ ही वहां के स्टाफ द्वारा मारपीट की जाती थी। लड़कियां मौका पाते ही आश्रम से भाग निकली। चेहरे के भाव से मंद बुद्धि लग रही इस बालिका के साथ कुछ अनहोनी न घटित हो जाए इसलिए महिला बाल विकास के अधिकारी व सिटी कोतवाली पुलिस को सूचना दी गई।