इंदौर- द्वारकापुरी में 10 साल पहले हुए विकास वर्मा उर्फ गुल्टू हत्याकांड में आरोपी जनकार्य समिति प्रभारी शंकर यादव को अपर सत्र न्यायालय ने बरी कर दिया है, लेकिन उनके भाई दीपक और राजू यादव सहित छह को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। शनिवार को खचाखच भरे कोर्टरूम में अपर सत्र न्यायाधीश प्राणेश कुमार प्राण ने सबसे पहले शंकर यादव और पप्पू वर्मा को बरी करने का फैसला सुनाया। इसके बाद बाकी आरोपियों को सजा सुनाई। फैसले के बाद कोर्ट में सन्नाटा पसर गया। शंकर भले बरी हो गए, लेकिन भाइयों को सजा होने पर उनका चेहरा उतर गया। गुल्टू की हत्या के बाद उनकी मां बसंती वर्मा कानूनी लड़ाई लड़ रही थीं। पिछले महीने ही उनकी कैंसर से मृत्यु हुई थी। उनकी ओर से अधिवक्ता डाॅ. विवेक पांडेय ने पैरवी की। शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक अभिजीत राठौर ने पक्ष रखा। केबल वॉर-रसूख के चलते हुई थी हत्या : गुल्टू द्वारकापुरी क्षेत्र में केबल संचालन के साथ ही भाजपा की राजनीति भी करता था। शंकर यादव का परिजन भी यही काम करते थे। दोनों परिवारों में केबल और राजनीतिक रसूख को लेकर अरसे से तनातनी चली अा रही थी। 27 अगस्त 2009 को गुल्टू की हत्या कर दी गई। गुल्टू की मां ने शंकर, दीपक, राजू यादव सहित आठ लाेगाें पर केस दर्ज कराया था।
केस दर्ज होने के बाद शंकर यादव तकरीबन सौ दिन तक फरार रहे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट तक अग्रिम जमानत हासिल करने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। सरेंडर करने के बाद ही उन्हें नियमित जमानत मिली। हत्या के बाद से ही न्यायालय में सुनवाई चल रही थी।