भोपाल- भोपाल व इंदौर में मेट्रोपॉलिटन एरिया विकसित करने की दिशा में राज्य सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं। छह माह में दोनों जगह मेट्रोपॉलिटन रीजन अथॉरिटी का गठन किया जाएगा। इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री और सीईओ सीनियर अधिकारी होंगे।
भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन अथॉरिटी (बीएमआरए) में भोपाल-सीहोर-औबेदुल्लागंज रहेंगे, जबकि इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन अथॉरिटी (आईएमआरए) में देवास, उज्जैन व महू होंगे। शनिवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसके सभी पहलुओं पर बात की। अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो रेल के लिए मेट्रोपॉलिटन एरिया जरूरी होगा। अथॉरिटी बनने के बाद स्थानीय निकाय अपना काम करेंगे और अथॉरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं के लिए काम करेगी।
इंटर सिटी कनेक्टिविटी पर भी अथॉरिटी का जोर रहेगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि शहरी क्षेत्रों में यातायात का भार कम करने के लिए मास्टर प्लान बनाते समय उसके एक्सटेंशन की संभावना को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा जाए। इसके आधार पर शहरों के चारों ओर रिंग रोड की योजना आवश्यक रूप से बनाई जाए ताकि आने वाले समय में शहरों के अंदर यातायात का भार न पड़े।
कमलनाथ ने स्मार्ट सिटी को लेकर कहा कि राज्य स्तरीय मिनी स्मार्ट सिटी नीति भी तैयार की जाए और इसमें दी जाने वाली सुविधाओं और व्यवस्थाओं का जिक्र हो। बैठक में नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह भी मौजूद रहे।
कैबिनेट तीन जून को, मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को मिलेगी मंजूरी : मुख्यमंत्री ने तीन जून को कैबिनेट की बैठक बुलाई है, इसमें प्रमुख रूप से मेट्रो रेल प्रोजेक्ट लाया जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से बनाई गई मेट्रो रेल कंपनी में अभी राज्य के अधिकारी पदस्थ हैं। कैबिनेट से प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के बाद केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार मेमोरेंडम आॅफ एसोसिएशन साइन करेगी। इससे कंपनी में संयुक्त रूप से राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल हो जाएंगे और अतिरिक्त फंड मेट्रो रेल के लिए मिलना शुरू हो जाएगा।
बैठक के अहम बिंदू :
आवासहीनों को शासकीय भूमि के पट्टे के साथ घर बनाने के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी।
हर घर में नल कनेक्शन होगा। शहरी क्षेत्रों के लिए जल अधिकार अधिनियम बनाया जाएगा।
शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण में व्यापक सुधार लाने के लिए मानसून सीजन में बड़े स्तर पर पौधरोपण किया जाए।
मेट्रोपॉलिटन रीजन ही क्यों : राज्य सरकार अब मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की तरफ ही बढ़ रही है। अभी राज्य के फंड से मेट्रो रेल का काम हो रहा है। मेट्रोपॉलिटन रीजन अथॉरिटी बन जाएगी तो भोपाल-इंदौर में मेट्रोपॉलिटन एक्ट लागू हो जाएगा। अथॉरिटी में राज्य सरकार प्रभावी होगी, लिहाजा अर्बन ट्रांसपोर्ट के साथ मेट्रो रेल का काम करना आसान हो जाएगा। स्थानीय निकायों के अधिकार बने रहेंगे।