नाहन – हिमाचल के एक सरकारी स्कूल के टीचर ने बच्चों को पढ़ाने के लिए एक अनोखा प्रयोग किया। उन्हाेंने स्कूल की छत पर सौरमंडल बनवा दिया। यही नहीं, स्कूल में प्रवेश करते ही छात्र प्रायोगिक तौर पर विज्ञान को समझ सकें, इसके लिए कई तरह के बदलाव किए हैं। यह सरकारी स्कूल नाहन के कंडईवाला में स्थित है।
स्कूल में यह बदलाव विज्ञान अध्यापक प्रदीप कुमार ने करवाए हैं। उनका मानना है कि बच्चे किताबी ज्ञान की तुलना में प्रयोगिक तौर पर ज्यादा सीखते हैं। इसी मकसद से उन्होंने स्कूल की छत में सौरमंडल बनवाया। स्कूल में गेट, खिड़कियों की ग्रिल सहित दीवारों को ही नहीं बल्कि फर्श और छत को भी इस तरह से तैयार किया गया है कि हर चीज में बच्चों को कुछ न कुछ सीखने को मिले। स्कूल में छठवीं से आठवीं तक 30 के लगभग छात्र शिक्षा ग्रहण करने पहुंचते हैं, जो कि यहां आसपास के निजी स्कूलों की संख्या से अधिक है। अभिभावक अपने बच्चों को इस स्कूल में पढ़ाने के लिए उत्सुक रहते हैं। हालांकि, दीवारों पर पेंट के माध्यम से उकेरे गए चित्र ज्यादा समय तक नहीं रहते। इसी को देखते हुए दीवारों पर सरिए से चित्रों को उकेरा गया। इसमें गणित, विज्ञान, हिंदी आदि विषयों से संबधित जानकारी दी गई है, जो आसानी से छात्रों को समझ आते हैं। इनमें सौर मंडल, हाईड्रोजन परमाणु, सोडियम परमाणु, वर्णों के उच्चारण सहित गणित के फार्मूले शामिल हैं। खिड़कियों में लगी ग्रील की सरिया को भी इस प्रकार से मोड़ा गया है कि जिससे विभिन्न प्रकार की संरचनाएं बनती हैं। इसके अतिरिक्त विद्यालय के परिसर में स्थित दिवारों पर देश, प्रदेश व सिरमौर जिले की जानकारी दी गई है। प्रदीप कुमार ने बताया कि कई बार बच्चों को साइंस, मैथ व हिंदी के फार्मूले रटवाया जाता है। यह कुछ दिन ही बच्चों को याद रहते हैं। इन चित्रों से बच्चों को साइंस, मैथ व हिंदी के कई महत्वपूर्ण फार्मूले समझने में मदद मिलती है। इससे जहां छात्रों को रटने की जरूरत नहीं पड़ती, वहीं स्कूल में करवाया कार्य भी आसानी से याद हो जाता है।