नई दिल्ली- वित्त मंत्रालय ने नई सरकार के लिए 100 दिन का एजेंडा तैयार कर लिया है। इकोनॉमी की रफ्तार बढ़ाने के तहत यह एजेंडा तैयार किया गया है। 2018-19 की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ फिसलकर 6.6% पर आ गई। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि निजी निवेश, रोजगार बढ़ाना और फार्म सेक्टर को राहत पहुंचाना भी सरकार का प्रमुख एजेंडा होगा। इनके साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रह बढ़ाने और टैक्स प्रक्रिया को आसान बनाने पर भी फोकस रहेगा। जुलाई में पेश होने वाले पूर्ण बजट में आयकर स्लैब और आयकर की दरों में बदलाव का फैसला भी लिया जा सकता है। मोदी सरकार के अंतरिम बजट में इसके संकेत दिए गए थे।
न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक इंडस्ट्रियल ग्रोथ, क्रेडिट ग्रोथ और बैंकिंग सेक्टर में स्थिरता लाने जैसे मुद्दे भी 100 दिन के एजेंडे में शामिल होंगे। बैंकिंग सेक्टर में कॉरपोरेट गवर्नेंस का स्तर सुधारने पर भी फोकस रहेगा।