रायगढ़. लगातार एक के बाद एक हादसों के बाद धरमजयगढ़ वन मंडल में वनकर्मियों की चौकसी बढ़ा दी गई है। क्षेत्र के हाथी प्रभवित क्षेत्र छाल, कापू, बोरो के नौ गांव में जनहानि के खतरे को देखते हुए लगातार वनकर्मी लोगों को जंगल भीतर नहीं जाने की चेतावनी दे रहे हैं। संबंधित क्षेत्र के सभी तेंदूपत्ता संग्राहकों के जंगल जाने पर रोक लगा दी गई है। वन कर्मी भी लगातार क्षेत्र में हाथियों के मूवमेंट पर नजर रखे हुए हैं।
धरमजयगढ़ में हाथियों की संख्या दो दिनों में 36 से बढ़कर 53 हो गई है। सबसे ज्यादा हाथी छाल रेंज के गलीमार बीट में है। 22 हाथियों को दल दो दिन पहले ही कुड़ेकेला परिसर के 535 की ओर से यहां पहुंचा है। इनके बेहरामार परिसर की ओर बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा छाल के पुरूंगा,खड़गांव में एक एक और बोजिया दो हाथी विचरण कर रहे हैं। कापू में भी हाथियों के विचरण से ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत का माहौल है।
यहां कुल 13 हाथी विचरण कर रहे हैं, यह तीन दिन पहले कुमरता पूर्व की तरफ से क्षेत्र में पहुंचे हैं। अभी कुमरता के जंगल में ही विचरण कर रहे हैं। हाथी अगले कुछ घंटों में कुमरता पश्चिम बीट में प्रवेश करने का अनुमान है। बाकारूमा में तीन और बोरो में 10 हाथी मौजूद है। यहां भी ग्रामीणों को लगातार सतर्क रहने और हाथियों के प्रवेश करते ही विभाग को सूचना देने की बात कही गई है। साथ ही गांव के लोगों को जंगल भीतर जाने से मना किया गया है।
आठ किसानों की फसल बर्बाद : हाथियों ने गलीमार में चार तेंदूमुंडी, पुरूंगा में दो और गेरसा में दो किसानों की फसल हाथियों ने पूरी तरह रौंद कर बर्बाद कर दी है। सूचना मिलने के वनकर्मी किसानों के फसल नुकसान का आंकलन कर मुआवजा प्रकरण बना रहे हैं ताकि किसानों के नुकसान की थोड़ी बहुत भरपाई की जा सके।