कांकेर. जंगल में पहाड़ी की ओर से दिन से भालू के रोने की आवाज आ रही थी। मंगलवार सुबह 9 बजे भालू की मदद करने के इरादे से बीटगार्ड, फायर वाचर तथा गांव के लोग गए। मादा भालू ने मदद करने गए लोगों पर ही हमला कर दिया। इस हमले में एक दूसरे को बचाते हुए दो दोस्तों की मौत हो गई। दो अन्य लोग घायल हैं।
फायर वाचर राजकिशोर ने भालू के रोने की जानकारी मंगलवार सुबह बीट गार्ड दुर्गेश कश्यप को दी। मदद करन के लिए मंगलवार सुबह 9 बजे भालू को देखने बीट गार्ड दुगेश कश्यप, फायर वाचर राज किशोर, श्रवण सुरोजिया व महेंद्र कुमार जंगल गए।
देखा तो भालू के बच्चे के पास बैठी थी मां : घटना के प्रत्यक्षदर्शी बीट गार्ड दुर्गेश व फायर वाचर राजकिशोर ने देखा तो भालू का बच्चा बैठा था। पास ही मादा भालू भी थी। वापस आ रहे थे तभी मादा भालू ने पीछे से फायर वाचर श्रवण पर हमला कर दिया। उसे बचाने का प्रयास राजकिशोर ने किया तो भालू ने राजकिशोर को भी बुरी तरह घायल कर दिया। भालू पीछे नहीं हटा।
जान बचाकर भागा बीट गार्ड : बीट गार्ड कश्यप भागते हुए हुए गांव गया। लोगों को मदद के लिए बुलाया। सारंडा के रोशन नेताम अपने दोस्तों को बचाने जंगल कुत्ता लेकर गया। मौके पर पहुंचे ही थे कि भालू ने रोशन पर भी हमला कर दिया। कई स्थानों पर चीर दिया। रोशन की मौके पर ही मौत हो गई। गांव वालों में शामिल रतन नेताम पर भी भालू ने हमला किया। उसका हाथ टूट गया। घायल राजकिशोर व रतन नेताम को संजीवनी से अस्पताल पहुंचाया गया। इसके बाद मृतक रोशन नेताम का शव जिला अस्पताल लाया गया।
6 घंटे बाद जंगल में मिली फायर वाचर की लाश : घायलों को अस्पताल भेजने के बाद ग्रामीण व डिप्टी रेंजर रहमान खान, आसपास के वनपाल समेत अन्य वन कर्मी जंगल में लापता फायर वाचर श्रवण सुरोजिया की खोजबीन में निकले। वनकर्मी व गांव के लोग भालू के डर से सतर्कता के साथ खोजते रहे। 6 घंटे बाद दोपहर तीन बजे जंगल में लापता फायर वाचर श्रवण सुरोजिया की भी लाश मिली।