आनंदपुर साहिब– पांच साल पहले आनंदपुर साहिब सीट पर शिअद-भाजपा के कैंडिडेट प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा की जीत हुई थी पर इस बार सियासी हालात बदल चुके हैं। कांग्रेस के मनीष तिवारी और अकाली-भाजपा के मौजूदा सांसद प्रो. चंदूमाजरा के बीच सीधी टक्कर है। आप कैंडिडेट नरेंद्र शेरगिल और पीडीए के बिक्रम सोढी चाहे सीधा मुकाबला नहीं दे पा रहे हैं, पर कांग्रेस और शिअद कैंडिडेट का खेल बिगाड़ सकते हैं। पीडीए कैंडिडेट बिक्रम सोढी को 5 छोटी पार्टियों की सपोर्ट है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि लोगों के असल मुद्दों की बात कोई पार्टी नहीं कर रही।
कांग्रेस उम्मीदवार मनीष तिवारी का सारा जोर खुद को लोकल साबित करने पर लगा है और अकाली-भाजपा के प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा केंद्र में मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनवाकर वोट मांग रहे हैं। कोई बड़ी इंडस्ट्री नहीं होने के कारण बेरोजगारी का मुद्दा, टूटी सड़कें, अवैध माइनिंग, कई साल से लटका खरड़ एलिवेटिड ब्रिज, रोपड़-फगवाड़ा हाईवे का काम और किसानों को मुआवजे का मुद्दा दबा हुआ है। अभी तक 7 बार शिअद और 6 बार कांग्रेस को जीत चुकी है। 2008 में डीलिमिटेशन के बाद रोपड़ हलके को आनंदपुर साहिब नाम मिला था।
- अकाली-भाजपा गठजोड़ व कांग्रेस को सता रहा है बसपा फैक्टर
आनंदपुर साहिब सीट पर बसपा कैंडिडेट कभी नहीं जीता पर पिछले दो चुनाव में पार्टी को मिले वोट अकाली-भाजपा और कांग्रेस के लिए चिंता का सबब बने हुए हैं। 2009 में बसपा उम्मीदवार ने एक लाख 18 हजार वोट लेकर सभी पार्टियों को झटका दिया था। 2014 में बसपा को 69 हजार वोट मिले। इस बार दोनों बड़ी पार्टियां इस सवाल का जवाब तलाशने में जुटी हैं कि बसपा का वोट बैंक किसकी नैया डूबोएगा। - शिअद को टकसालियों का डर, आप खो चुकी है अपनी धार
विधानसभा की 3 सीटें जीतने वाली आप इस बार चुनौती देना तो दूर अपने कुनबे को ही नहीं संभाल पा रही। रोपड़ के विधायक अमरजीत सिंह संदोआ झाड़ू किनारे रख हाथ पकड़ चुके हैं। खरड़ से आप विधायक कंवर संधू चुनाव में एक्टिव नहीं हैं। शिअद को इस बार ब्रह्मपुरा के शिअद टकसालियों की चिंता है। बेअदबी मुद्दे को लेकर नाराज चल रहे शिअद कैडर को टकसाली अपनी तरफ खींचने की कोशिश में हैं। - 9 विधानसभा- 5 में कांग्रेस, 3 में आप, 1 में शिअद विधायक
लोकसभा क्षेत्र के 9 विधानसभा हलकों में मोहाली, आनंदपुर साहिब, चमकौर साहिब, बलाचौर, रोपड़, खरड़, गढ़शंकर, नवांशहर और बंगा शामिल हैं। इनमें से 5 में कांग्रेस, तीन में आप और एक में अकाली दल के एमएलए हैं। मोहाली, आनंदपुर साहिब, चमकौर साहिब, बलाचौर और नवांशहर में कांग्रेस, रोपड़, खरड़ और गढ़शंकर में आप और बंगा में अकाली दल का विधायक हैं। रोपड़ से आप के विधायक अमरजीत सिंह संदोआ अब कांग्रेसी हो चुके हैं। - खरड़-मोहाली एलिवेटेड ब्रिज का बढ़ता जा रहा है इंतजार
चंडीगढ़ जाने के लिए खरड़-मोहाली मार्ग से गुजरना पड़ता है। इस मार्ग पर एलिवेटेड ब्रिज बनाया जा रहा है। काम अकाली सरकार के दौरान शुरू हुआ था।जो कांग्रेस सरकार के दो साल बाद भी काम अधूरा है। इस काम के पूरा होने की मियाद हर साल बढ़ाई जा रही है। हर रोज ट्रैफिक जाम में लोग फंसते हैं। एक से डेढ़ घंटा खराब होना लाजिमी है। कोई भी कैंडिडेट इस मुद्दे पर नहीं बोल रहा। - स्पीकर व 2 कैबिनेट मिनिस्टर भी नहीं करवा पाए विकास
आनंदपुर साहिब सीट जहां विधानसभा के स्पीकर राणा केपी सिंह और दो कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और बलबीर सिंह सिद्धू हैं। सरकार में इतना प्रतिनिधित्व के बावजूद यहां विकास नहीं हुआ। चमकौर साहिब से विधायक चरणजीत सिंह चन्नी कैप्टन सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री बने और मोहाली से विधायक बलबीर सिंह सिद्धू पशुपालन मंत्री हैं।
गिरदावरी के बावजूद मुआवजा नहीं : इलाके में दो बार किसानों की फसल बारिश से खराब हो चुकी है। सरकार ने मुआवजा देने के लिए गिरदावरी भी कराई, लेकिन कई किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला। किसान गुस्से में हैं।
केंद्र सरकार से काम करवाएंगे : दोबारा जीता तो दशमेश नहर बनवाएंगे। कंडी नहर के काम पर जोर है। मोहाली एयरपोर्ट से कारगो सर्विस शुरू कराएंगे। नूरपुर बेदी-बलाचौर लाइन भी बिछाएंगे। -प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, शिअद
हमारी सरकार है, फायदा होगा : कंडी क्षेत्र को इंडस्ट्रियल जोन बनाने पर फोकस रहेगा। यहां रोजगार जरूरी है। ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याएं दूर करूंगा। कैप्टन सरकार होने से काम कराने में आसानी होगी।