सरकार देश में उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमतें लगातार चौथी बार बढ़ा सकती है। इससे एलपीजी (LPG) और सीएनजी (CNG) के दाम भी बढ़ सकते हैं। ब्लूमबर्ग की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, प्राकृतिक गैस की कीमतें बढ़ती है तो यह तीन साल के सर्वोच्च स्तर पर होगी।सरकार एक अप्रैल से छह माह के लिए घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमत 37.4 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट कर सकती है, जो तीन साल में सर्वाधिक होगी। विश्लेषकों का कहना है कि प्राकृतिक गैस की कीमत में बढ़ोतरी से यूरिया और अन्य पेट्रोकेमिकल के दाम बढ़ेंगे। इसका असर सीएनजी और पीएनजी के दाम पर देखने को मिलेगा। इससे गैस को कच्चे माल की तरह इस्तेमाल करने वाले उद्योगों की लागत भी बढ़ेगी।
सरकार हर छह माह में प्राकृतिक गैस की कीमतों की समीक्षा करती है, जबकि एलपीजी और सीएनजी के दाम हर माह तय होते हैं। सरकार ने कीमत तय करने का नया फॉर्मूला नवंबर 2014 में अपनाया था, तब से प्राकृतिक गैस की कीमतें 51 फीसदी नीचे आ चुकी हैं। लेकिन गैस की मांग में इजाफे को देखते हुए भारत प्राकृतिक गैस के उत्पादन को दोगुना बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।