ठंडाई को देसी एनर्जी ड्रिंक कहना जरा भी गलत नहीं होगा। इसमें इस्तेमाल होने वाली चीजे इसे स्वादिष्ट ही नहीं बनातीं, शरीर को भी पोषण देती हैं। कहा जाता है कि जब शिव जी ने विषपान किया था तब देवताओं के वैद्य अश्विनी कुमारों और धन्वंतरि ने उन्हें भांग मिली हुई ठंडाई का लगातार सेवन कराया था। इससे वे विष की गर्मी भी झेल गए थे। इसीलिए ठंडाई में भांग मिलाकर शिवजी को भोग लगाया जाता है। आप चाहें तो इसे बिना भांग के घर में बना सकती हैं। आइए जानते हैं इसकी रेसिपी
सामग्री :
बादाम 50 ग्राम
खसखस 30 ग्राम
तरबूज के बीज छिले हुए 20 ग्राम
खरबूजे के बीज छिले हुए 20 ग्राम
ककड़ी के बीज 20 ग्राम
सौंफ 50 ग्राम
काली मिर्च 10 ग्राम
देसी गुलाब की सूखी पत्तियां 20 ग्राम
गुलकंद
हरी इलायची 5 नग
मुनक्का बीज निकले हुए 8 नग
मिश्री 100 ग्राम
दूध एक लीटर
विधि :
बादाम, खसखस, तरबूज के बीज, खरबूजे के बीज, ककड़ी के बीज, सौंफ, गुलाब की पत्तियां, काली मिर्च, इलायची तथा मुनक्का को लगभग 5-6 घंटे के लिए पानी में भिगो दें। सुबह बादाम के छिलके हटा दें और सारी सामग्री पानी सहित अच्छे से बारीक पीस लें। सिलबट्टे पर पीस सकें तो बहुत अच्छा है अन्यथा ग्राइंडर में जितना हो सके बारीक पीस लें। इसका पानी कतई न फेंके ये पानी बहुत फायदेमंद होता है। पिसा हुआ ये पेस्ट अलग रख लें।
दूध में मिश्री व 5 -6 धागे केसर डाल कर उबालें और ठंडा कर लें। अब पिसी हुई सामग्री में एक गिलास पानी डालकर साफ कपड़े से या बारीक छलनी से छान लें। थोड़ा थोड़ा करके पानी डालते जाएं और छानते जाएं। इस तरह पिसी सामग्री का सारा कस पानी के साथ छलनी से निकाल लें। ये लगभग दो गिलास होना चाहिए।
छलनी से निकले पानी में तैयार किया दूध मिला दें। आपके पास 6 गिलास स्वादिष्ट ठण्डाई तैयार है। थोड़ी बर्फ डालकर पिएं और पिलाएं। स्वादिष्ट, असली और फायदेमंद ठंडाई का मजा लें।