भाजपा ने आगरा और फिरोजाबाद की जिला पंचायतों पर सोमवार को कब्जा कर लिया। दोनों ही स्थानों पर विपक्ष ने सरेंडर कर दिया। किसी भी विपक्षी पार्टी के प्रत्याशी ने नामांकन तक नहीं किया। आगरा में भाजपा के प्रत्याशी राकेश बघेल का ही नामांकन हुआ जबकि फिरोजाबाद में भाजपा के अमोल यादव का ही पर्चा चुनाव आयोग को मिला। हालांकि सपा ने प्रत्याशी घोषित करने के नाम पर यहां खानापूरी तो की, मगर नामांकन नहीं हो सका। वहीं बसपा ने चुनाव से दूरी बनाए रखी।
प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद कई जिला पंचायतों में अविश्वास प्रस्ताव पारित हुए थे। इनमें आगरा और फिरोजाबाद जिला पंचायत भी शामिल थीं। आगरा में सपा की कुशल यादव और फिरोजाबाद में सपा के विजय प्रताप उर्फ छोटू यादव का तख्ता पलट हुआ था। सोमवार को नामांकन प्रक्रिया होनी थी। आगरा में तीन बजे तक सिर्फ राकेश बघेल उर्फ प्रबल प्रताप ने ही नामांकन किया। पार्टी ने उन्हें अधिकृत प्रत्याशी तो नहीं बनाया लेकिन भाजपा विधायक जितेंद्र वर्मा उनके साथ आए थे। फिर एससी आयोग के चेयरमैन सांसद रामशंकर कठेरिया विजय जुलूस का हिस्सा बने।
उधर, फिरोजाबाद में जसराना के पूर्व विधायक रामवीर यादव के पुत्र अमोल यादव को नामांकन कराने पूर्व मंत्री जयवीर सिंह सहित तमाम भाजपाई दिग्गज पहुंचे। पार्टी ने अमोल को प्रत्याशी घोषित किया था। नामांकन का समय खत्म होने से पंद्रह मिनट पहले सपा प्रत्याशी निर्मला यादव पहुंचीं मगर नामांकन ही अधूरा था सो उन्हें लौटा दिया गया। भाजपा ने दोनों स्थानों पर सपा को बड़ा झटका दिया है। हाल में हुए ब्लाक प्रमुख चुनाव में भी पार्टी ने सपा से तमाम सीटें छीन ली थीं। सपा को प्रत्याशी तक नहीं मिले थे।