जहरीली शराब ने लील ली अब तक 70 जिंदगियां, जानिए प्रदेश में अब तक हुई मौत का आंकड़ा….

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गाजियाबाद : उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अबतक अवैध शराब के कारण 70 लोगों की जान जा चुकी है। उत्तराखंड के हरिद्वार में जहां 13 लोग इसकी चेपट में आकर जान गंवा चुके हैं। वहीं सहारनपुर में 46 जबकि कुशीनगर में 11 लोगों की मौत हुई है। इससे यूपी पुलिस, प्रशासन और आबकारी विभाग के हाथ पैर फूले हुए हैं।

मृतक आश्रितों को दो लाख तथा बीमारों को 50 हजार मुआवजा

जहरीली शराब को लेकर मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेश में सभी अपर पुलिस महानिदेशकों को अपने अपने जोन में 15 दिन तक अवैध शराब के खिलाफ सघन अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख तथा बीमार लोगों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है। इस घटना को लेकर पुलिस व आबकारी विभाग के 20 से ज्यादा अधिकारियों को कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। कई अन्यों पर निलंबन की तलवार अभी लटकी है।

मामले को लेकर सहारनपुर के जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि शराब को जांच के लिए लखनऊ लैब भेजा जा चुका है। साथ ही 405 लीटर अवैध शराब भी जब्त किया गया है। अबतक की जांच में ऐसे संकेत मिले हैं कि शराब को तेज बनाने के लिए रैट पॉइजन का भी इस्तेमाल करने का काम किया जाता था। सहारनपुर के कुछ लोगों को मेरठ के अस्पताल में भी भर्ती कराया गया है। तीन थानों में एफआईआर दर्ज कराई जा चुका है। मामले में 30 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है।

तेहरवीं के मृत्यु भोज में परोसी गई थी शराब

बताया गया कि हरिद्वार के बालूपुर में तेहरवीं के मृत्यु भोज में शराब परोसी गई थी। इसके चलते लोगों की मौत हुई। सहारनपुर में दो दिन में 46 और हरिद्वार में 19 लोगों की मौत हुई। सहारनपुर में चार दर्जन से अधिक लोग बीमार हुए तो हरिद्वार में बीमार 55 लोगों में से 10 की हालत नाजुक बताई जा रही है। शुक्रवार को भी सहारनपुर के नांगल के गांव उमाही में पांच लोगों की मौत हो गई थी। गांगलहेड़ी के शरबतपुर में तीन, माली में दो, कोलकी कंला में एक, देवबंद में, बिलासपुर आदि कई गांवों के लोग जहरीली शराब के शिकार बने हैं। शराब से हरिद्वार के बालूपुर, बिंडू, खड़क समेत पांच गांवों में ज्यादा असर हुआ है।

सांप निकलने के बाद लकीर पीट रहे हैं अधिकारी

घटना को लेकर सांप निकलने के बाद लकीर पीटने वाली कहावत चरितार्थ होती नजर आ रही है। इस मामले पर सरकार ने सख्‍ती दिखाते हुए सहारनपुर और कुशीनगर के जिला आबकारी अधिकारियों सहित 21 को निलंबित कर दिया है। कुशीनगर के तरयासुजान थाना प्रभारी सहित 4 पुलिसकर्मी और 5 आबकारी कर्मचारी, सहारनपुर में नगला थाना प्रभारी समेत 10 पुलिसकर्मी निलंबित किये जा चुके हैं। मामले में उत्तराखंड में भी आबकारी के 13 अफसर और 3 पुलिसकर्मी को निलंबित करने का काम सरकार ने किया है। अभी कई और अधिकारियों-कर्मचारियों पर निलंबन की तलवार लटकी है। इस जहरीली शराब के लिए पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया जा रहा है।

पूरे जोन में शराब के लिए चलाया जा रहा अभियान : एडीजी प्रशांत कुमार

मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि हरियाणा, दिल्ली, यमुना के खादर, जोन के बार्डर क्षेत्रों में अवैध शराब बनती है और उसकी सप्लाई निकटवर्ती जिलों में राज्यों में की जाती है। ये शराब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी चोरी छुपे बिकती है। सहारनपुर की घटना के बाद पूरे जोन में अवैध शराब के खिलाफ पुलिस द्वारा सघन अभियान चलाया जा रहा है। सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षको को अवैध शराब व तस्करों को चिन्हित करने तथा उनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

जहरीली शराब को घटनाएं

7 फरवरी 2019 : सहारनपुर- रूड़की में 50 से अधिक मौतें
20 मई 2018 : कानपुर देहात में 9 लोगों की मौत
2018 : गाजियाबाद के खोड़ा में पांच लोगों की मौत
19 मई 2018 : कानपुर के संचेड़ी में 7 लोगों की मौत
12 जनवरी 2018 : बाराबंकी में 9 लोगों की मौत
2017 : आजमगढ़ में 25 लोगों की मौत
2016 : एटा में 24 लोगों की मौत
2015 : लखनऊ व उन्नाव में 50 से अधिक लोगों की मौत
2013 : आजमगढ़ में 47 लोगों की मौत
2011 : वाराणसी में 12 लोगों की मौत
2009 : देवंबद में 49 लोगों की मौत हुई
2004 : हापुड़ के सिंभावली में 22 लोगों की मौत
1995 : सिहानीगेट क्षेत्र में 16 लोगों की मौत
1992 : हरियाणा में शराब से 350 से अधिक लोगों की मौत

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