आगरा एटा। जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में 5 दिसंबर को शहीद हुए मिसाइल रेजिमेंट के जवान राजेश यादव के आंगन में खुशी की किलकारी गूंजी हैं। बीते दो महीने से गमजदा गांव और परिवार में खुशी दिखाई दी, लेकिन राजेश की शहादत के बाद भी उनके परिजनों और गांववासियों के दिल में देश प्रेम का जज्बा कम नहीं हुआ है। शहीद राजेश के घर में जन्मे नन्हे बेटे को लेकर परिजनों ने अभी से ही नवजात को सेना में भेजने के सपने देखने शुरू कर दिए हैं।
शहीद हुए जवानों का बदला लेगा बेटा
दरअसल, राजेश यादव एटा जिले के गांव रजुआ के रहने वाले थे, जोकि 5 दिसंबर को कुपवाड़ा में सीजफायर के दौरान शहीद हुए थे। घर में मातम था, लेकिन उनकी पत्नी ने आगरा में एक अस्पताल में बेटे को जन्म दिया। बेटे के आने की खुशी में परिवार में खुशी का माहौल है। शहीद राजेश यादव की पत्नी श्वेता सिंह का कहना है कि वह अपने बेटे को आर्मी में भर्ती कराएंगी और अपने पिता और पुलवामा में शहीद हुए जवानों का बदला लेने के लिए तैयार करेंगी।
40 जवानों के बदले 4000 पाकिस्तानियों के सिर की मांग
शहीद राजेश यादव के पिता नेम सिंह का कहना है पाकिस्तान कायराना तरीके से सैनिकों के ऊपर हमला करता है, वो कायर है, अगर हिम्मत है तो सामने से वार करे। उन्होंने केंद्र सरकार से शहीद हुए जवानों के बदले 4000 पाकिस्तानियों के सिर की मांग की है। उन्होंने कहा कि मेरे घर नाती पैदा हुआ है, जिसे पढ़ा-लिखाकर भारतीय सेना में भर्ती कराउंगा और जवानों का बदला लूंगा।