लोक सेवा आयोग की पीसीएस तथा एसीएफ- आरएफओ प्री 2018 परीक्षा समाप्त होने के बाद प्रतियोगी छात्रों ने दो प्रश्नों के गलत होने के आरोप लगाए थे। उनका आरोप सही साबित हुआ। आयोग ने उत्तर कुंजी जारी करने से पूर्व इन दो प्रश्नों के साथ ही दो अन्य गलत प्रश्नों को डिलीट कर दिया है।
28 अक्तूबर को परीक्षा समाप्त होने के बाद प्रतियोगियों ने सामान्य अध्ययन (जीएस) प्रथम प्रश्न पत्र के दो प्रश्नों को गलत बताया था। इनमें से एक प्रश्न था कि भारत द्वारा महिला एवं बाल विकास के लिए स्वतंत्र मंत्रालय कब स्थापित किया गया ? उत्तर विकल्प में 1985, 1986, 1987 और 1988 दिया गया था। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की वेबसाइट के हवाले के प्रतियोगी छात्रों का कहना था कि स्वतंत्र मंत्रालय की स्थापना 30 जनवरी 2006 को हुई थी। 1985 से 2006 तक यह मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत था। उत्तर के चारों विकल्पों में 2006 नहीं था। दूसरे प्रश्न में चार कथन देकर पूछा गया था कि इनमें से कौन से कथन सही हैं।
हिन्दी के प्रश्न में लिखा था कि भारत आपदा युक्त देश है जबकि अंग्रेजी वर्जन में आपदा मुक्त यानी इंडिया इज ए डिजास्टर फ्री कंट्री लिखा था। यह प्रिटिंग की गड़बड़ी थी। इन दोनों प्रश्नों को गलत मानते हुए आयोग ने डिलीट किया है। इनके साथ ही जीएस प्रथम प्रश्न पत्र में पूछे गए भारत में बाघ परियोजना कब शुरू की गई थी? और विश्व प्रसिद्ध भगवान वेंकटेश्वर (तिरुपति) का मंदिर किस पहाड़ी पर अवस्थित है, प्रश्न को भी डिलीट कर दिया गया है। विदेशी व्यापार की श्रेणी और पारिस्थिति की तंत्रों में प्रजातिय विविधता संबंधी प्रश्न के दो-दो उत्तर विकल्पों को सही माना गया है। दूसरे पेपर में समकोण त्रिभुज के परिक्रमण संबंधी प्रश्न को डिलीट कर दिया गया है।
लोक सेवा आयोग की पीसीएस 2016 मुख्य परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का इंटरव्यू 24 जनवरी को समाप्त हो गया। इंटरव्यू दस जनवरी से शुरू हुआ था। प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों को लेकर हुए विवाद की वजह से लिखित परीक्षा के दो साल बाद बीते 16 नवंबर को मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित कर 1993 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए सफल किया गया है।