बीजेपी विधायक साधना सिंह द्वारा बसपा प्रमुख मायावती पर अपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने के बाद बसपा के पूर्व विधायक विजय यादव ने ऐलान किया….

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बीजेपी विधायक साधना सिंह (Shadna Singh) द्वारा बसपा (BSP) प्रमुख मायावती (Mayawati) पर अपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने के बाद बसपा के पूर्व विधायक विजय यादव ने ऐलान किया है कि अगर 48 घंटे में साधना ने बसपा प्रमुख और देश की सभी महिलाओं से माफी नहीं मांगी, तो वे उनका सिर कलम करके लाने वाले को पचास लाख रुपये का इनाम चंदा इकठ्ठा करके देंगे।

पूर्व विधायक के इस ऐलान के बाद से राजनीतिक गलियारें में हड़कंप मच गया है। विजय ठाकुरद्वारा में पार्टी कार्यकतार्ओं से मुलाकात करने पहुंचे थे, जहां उन्होंने कहा कि सपा-बसपा गठबंधन होने के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी बौखला गई है, जिसके बाद से ही उसके नेता और विधायक अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।

मायावती पर विवादित टिप्पणी के बाद BJP विधायक साधना सिंह ने जताया खेद
उन्होंने कहा, “बीजेपी विधायक साधना सिंह ने बसपा प्रमुख के विरुद्ध निंदनीय शब्दों का प्रयोग किया है। हम मांग करते हैं कि साधना को 48 घंटे के अंदर बसपा मुखिया मायावती और देश की समस्त महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए।” विजय यादव ने कहा कि यदि 48 घंटे में साधना सिंह ने माफी नहीं मांगी तो बसपा कार्यकर्ता उग्र आंदोलन करेंगे।

सपा और बसपा ने निंदा की
बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने भी कहा कि भाजपा विधायक ने बसपा मुखिया मायावती के लिए जिस तरह के शब्द इस्तेमाल किए हैं वह भाजपा के स्तर को दिखाते हैं। सपा-बसपा के गठबंधन की घोषणा के बाद से ही भाजपा नेताओं का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। उन्हें आगरा और बरेली के अस्पतालों में भर्ती कराने की जरूरत है।

मायावती पर टिप्पणी के खिलाफ सपा-बसपा में आक्रोश, एसपी दफ्तर पर धरना

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की महिला विधायक ने जिस तरह के आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग बसपा प्रमुख मायावती के लिए किया है वह घोर निंदनीय है। यह भाजपा के नैतिक दिवालियापन और हताशा का प्रतीक है। साथ ही यह देश की महिलाओं का भी अपमान है।

साधना सिंह ने माफी मांगी
बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती पर अमर्यादित टिप्पणी करने के बाद भाजपा की महिला विधायक साधना सिंह ने माफी मांग ली है। साधना सिंह की ओर से जारी किए गए माफीनामे में लिखा कि मेरा मकसद किसी को अपमान करने का नहीं था। मैं बस 2 जून, 1995 को गेस्ट हाउस कांड के दौरान मायावती की भाजपा नेताओं द्वारा की गई मदद को याद दिलाना चाहती थी। साधना सिंह ने कहा कि मेरी मंशा एक दम किसी को अपमानित नहीं करने की थी। अगर किसी को मेरी बातों से कष्ट पहुंचा है तो मैं खेद प्रकट करती हूं।

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