रमीत राम रहीम को पंचकूला की सीबीआई कोर्ट द्वारा उम्रकैद की सजा सुना दिए जाने के फैसले के बाद छत्रपति के परिवार ने खुशी जताई है। छत्रपति के बेटे अंशुल से लेकर उनकी दोनों बेटियों ने इसे कानून की जीत बताया है। छत्रपति की छोटी बेटी श्रेयशी छत्रपति ने लिखा है कि फांसी मिलती तो उन्हें ज्यादा खुशी होती। इसके साथ-साथ श्रेयशी ने एक कविता भी लिखी है, जिसे सोशल मीडिया पर शेयर किया है।
ये है शेयशी की कविता
*अब कातिल कभी सो नहीं पायेगा*
उस रात कोई नहीं सोया था
न घर में बैठे हम, न आईसीयू के बाहर मां
उस रात के बाद हम कई दिन नहीं सोये
पापा के घर लौटने के इंतज़ार में और फिर पापा लौट आये
उसी कफ़न में लिपटे जो उन्होंने बड़े जूनून के साथ हमेशा अपने साथ रखा था और फिर उस कफ़न पर लिपटे फूलों ने कभी हमें सोने नहीं दिया
उन रातों हम ही नहीं छत्रपति भी जगे थे हमारे साथ और कहते रहे सो मत जाना
मेरे चैन से सो जाने तक वह कहते रहे के सो मत जाना
कातिल को मौत में सुलाने तक अब पापा चैन से सो रहे हैं
और जेल के अँधेरे में जग रहा है कातिल आज रात कातिल सो नहीं पाएगा छत्रपति का कफ़न उसके गले का फंदा बन
हर झपकी से उसे अचानक जगायेगा डरायेगा रुलाएगा हाँ ! कातिल अब कभी सो नहीं पायेगा
छत्रपति की बड़ी बेटी ने अंशुल को दी बधाई
छत्रपति की बड़ी बेटी क्रांति सिंह ने अपने भाई अंशुल छत्रपति को बधाई दी है और लिखा है कि अंशुल के स्ट्रग्ल ने उसके पिता को इंसाफ दिलवा दिया।
अंशुल ने कहा कि इतने सालों पहले जब हमने लड़ाई शुरू की तो उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें इंसाफ जरुर मिलेगा। इस फैसले से वे संतुष्ट हैं। इतने प्रभावशाली व्यक्ति के सामने लड़ाई लड़ी। आज का फैसला सच्चाई की जीत है, पिता ने सच की आवाज उठाई थी। इस फैसले के बाद हमें राहत महसूस हो रही है।