नवजात शिशुओं को जल्द से जल्द प्रारंभिक अनिवार्य नवजात देखभाल (ईईएनसी) मुहैया कराकर दो तिहाई जानलेवा संक्रमणों से उनकी रक्षा की जा सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्ययन में यह जानकारी दी गई है।
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वियतनाम में किए गए इस अध्ययन के मुताबिक अगर एक नवजात को जन्म के तुरंत बाद ईईएनसी उपलब्ध कराया जाना उसके लिए फायदेमंद है। ईईएनसी देखभाल में मां व नवजात का आलिंगन के जरिये एक-दूसरे की त्वचा से संपर्क भी शामिल है। इससे नवजात की त्वचा में गर्माहट, दुग्धपान में मदद और गर्भनाल की सुरक्षा होती है।
अध्ययन में बताया गया कि ईईएनसी स्वास्थ्यकर्मियों का कौशल विकास करता है और देखभाल को बढ़ावा देता है। इससे त्वचा से त्वचा का संपर्क, स्तनपान, हाइपोथर्मिया और सेप्सिस में कमी दर्ज की जाती है। ईईसीएन के तहत त्वचा से त्वचा संपर्क, धड़कन रुकने पर गर्भनाल को दबाना, गर्भनाल को जीवाणुहीन उपकरण से काटना और नवजात के लार टपकाने और हाथ मुंह में डालने जैसे दूध पीने की इच्छा के संकेत मिलने के तुरंत बाद स्तनपान कराना शामिल है।