उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा महागठबंधन की शनिवार को होने वाली साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिये अभी तक गठबंधन के एक अन्य दल राष्ट्रीय लोकदल को इसमें शामिल होने का न्यौंता नहीं मिला है। हालांकि पार्टी के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी कल राजधानी लखनऊ में रहेंगे और संभवत: दोनों नेताओं से बाद में मुलाकात भी कर सकते हैं। लेकिन राष्ट्रीय लोकदल ने छह सीटों की मांग की है जबकि सूत्रों के अनुसार महागठबंधन द्वारा दो से तीन सीटें देने की बात चल रही है।
राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के मुखिया अजित सिंह ने कहा कि हम महागठबंधन के हिस्सा हैं लेकिन अब तक सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। कांग्रेस को साथ लेने का फैसला मायावती जी और अखिलेश जी लेंगे।
आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने शुक्रवार को ‘भाषा’ को फोन पर बताया कि पार्टी उपाध्यक्ष जयंत चौधरी कल शनिवार को लखनऊ आ रहे है, लेकिन अभी तक उन्हें महागठबंधन के नेताओं की साझा प्रेस कांफ्रेस में आने का न्यौता नहीं मिला है। अगर न्यौता मिलता है तो वह प्रेस कॉन्फ्रेंस में जरूर जाएंगे।
सूत्रों के अनुसार, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के इस महागठबंधन में रालोद को दो से तीन लोकसभा सीटें देने पर विचार किया जा सकता है। मंगलवार को आरएलडी उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से उनके कार्यालय में मुलाकात भी की थी। अहमद ने बुधवार को ‘भाषा’ से विशेष बातचीत में कहा था, ”पार्टी महागठबंधन का हिस्सा है और पार्टी नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव में छह सीटों की मांग की है, यह सीटें है बागपत, मथुरा, मुजफ्फरनगर, हाथरस, अमरोहा और कैराना।”
उन्होंने कहा कि कैराना लोकसभा सीट तो रालोद के पास पहले ही है अब पांच सीटों की और मांग की गई है। इस बारे में फैसला पार्टी के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव तथा बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच बातचीत के बाद तय होगा। सपा कार्यालय में मंगलवार को अखिलेश से मुलाकात के बाद रालोद उपाध्यक्ष चौधरी ने कहा था कि अखिलेश के साथ राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा हुई।
उनसे पूछा गया था कि क्या गठबंधन में रालोद को मिलने वाली सीटों पर भी चर्चा हुई इस सवाल को उन्होंने टालते हुए कहा कि ”सीटों की बेचैनी मीडिया को है, सारी बातें साफ होंगी, सस्पेंस बनाएं रखें।” लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ किसी भी गठबंधन के सवाल को वह टाल गए थे।