लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2019) से पहले मोदी सरकार (Modi Government) ने बड़ा फैसला लेते हुए आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों (सामान्य वर्ग) को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण (10 percent Reservation to Upper Caste) देने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत ने आज (मंगलवार) लोकसभा में बिल को पेश कर दिया है।
सवर्ण आरक्षण: सरकार आज पेश करेगी संविधान संशोधन बिल, कांग्रेस ने किया समर्थन
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को संवैधानिक संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। भाजपा के समर्थन का आधार मानी जाने वाली अगड़ी जातियों की लंबे समय से मांग थी कि उनके गरीब तबकों को भी आरक्षण का लाभ दिया जाए। सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए संवैधानिक संशोधन विधेयक 2018 (कांस्टीट्यूशन एमेंडमेंट बिल टू प्रोवाइड रिजर्वेशन टू इकोनॉमिक वीकर सेक्शन -2018) मंगलवार को लोकसभा में पेश करेगी। इस विधेयक के जरिए संविधान की धारा 15 व 16 में बदलाव किया जाएगा।
वहीं, सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के आरक्षण से छेड़छाड़ न हो और गरीबों के बच्चों को शिक्षा एवं रोजगार में आरक्षण मिले, हम पूरी तरह सरकार के साथ रहेंगे। वहीं, एनसीपी और ‘आप’ ने भी इसे समर्थन देने की बात कही है। दूसरी ओर बसपा पहले से ही इसकी मांग करती रही है।